Vikram Solar ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज में रखा कदम! जानें इसके पीछे की पूरी कहानी!

भारत की टॉप सोलर कंपनियों में से एक Vikram Solar Ltd अब अपने बिजनेस को और आगे बढ़ाने के लिए Battery Energy Storage Systems (BESS) सेगमेंट में उतरने जा रही है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ज्ञानेश चौधरी ने इस फैसले की पुष्टि की है।

इसके अलावा, Vikram Solar ने अपना IPO (Initial Public Offering) लाने के लिए भी ड्राफ्ट पेपर्स फाइल कर दिए हैं। यह कदम कंपनी की विस्तार योजना का एक अहम हिस्सा है।

अमेरिका में मेगा सोलर फैक्ट्री की योजना

एक इंटरव्यू में ज्ञानेश चौधरी ने बताया कि कंपनी अमेरिका के कोलोराडो में 3 गीगावाट (GW) की सोलर सेल और मॉड्यूल फैक्ट्री लगाने की योजना बना रही है। हालांकि, इस प्रोजेक्ट की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि अमेरिका के राष्ट्रपति-चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीतियां क्या होंगी

Inflation Reduction Act (IRA) को लेकर नीतिगत फैसले, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए अहम साबित होंगे। अगर IRA को सपोर्ट मिलता है, तो Vikram Solar का यह प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ सकता है।

SEZ Amendment Bill से क्या उम्मीदें?

Vikram Solar के लिए एक और बड़ी उम्मीद SEZ (Special Economic Zone) Amendment Bill से जुड़ी हुई है। यह बिल मौजूदा SEZ फ्रेमवर्क को बदलकर नए सिस्टम को लागू करने की योजना बना रहा है।

DESH (Development of Enterprises and Service Hubs) Bill के रूप में प्रस्तावित यह बदलाव, सोलर सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

सोलर इंडस्ट्री के सामने तीन बड़ी चुनौतियां

1. बाजार का निर्माण

भारत में PM Surya Ghar योजना जैसी पहलें जरूर शुरू हुई हैं, लेकिन Renewable Purchase Obligation (RPO) को प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया है। जब तक पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को RPO फॉलो करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, यह समस्या बनी रहेगी।

2. सोलर मैन्युफैक्चरिंग को फाइनेंसिंग की जरूरत

भारत को छोटे-छोटे सोलर प्लेयर्स की बजाय बड़े लेवल पर काम करने वाली कंपनियों की जरूरत है। उदाहरण के लिए, 200 कंपनियों की जगह 5-10 कंपनियां हों जिनकी 30 GW की उत्पादन क्षमता हो।

3. सरकार का पॉलिसी सपोर्ट

सरकार को नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) सेक्टर में सही नीतियां लागू करने पर जोर देना होगा। RPO जैसी नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है ताकि यह सेक्टर और तेज़ी से आगे बढ़ सके।

Vikram Solar की बैटरी स्टोरेज में एंट्री: क्यों है खास?

Battery Energy Storage System (BESS) तकनीक बिजली को स्टोर करने और जरूरत के समय उपयोग करने की सुविधा देती है। यह विशेष रूप से ग्रीन एनर्जी सेक्टर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

Vikram Solar का इस सेगमेंट में आना, भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को नई दिशा देने का काम करेगा। यह न केवल कंपनी की ग्रोथ को बढ़ाएगा, बल्कि भारत को ऊर्जा सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा।

निष्कर्ष

Vikram Solar की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सेगमेंट में एंट्री, सोलर इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। कंपनी का यह निर्णय, भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को मजबूती देने और भविष्य में सस्टेनेबल एनर्जी ग्रोथ के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि Vikram Solar इस नए सेगमेंट में कैसी परफॉर्मेंस देती है

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