विंड एनर्जी या सोलर एनर्जी? Suzlon और Waaree में कौन है सबसे ताकतवर निवेश के लिए!

भारत ने 2030 तक 500 GW रिन्युएबल एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा है, और इसके साथ ही 2070 तक नेट जीरो एमिशन का सपना भी देखा है। यह लक्ष्य इतने बड़े हैं कि इन्हें पूरा करने के लिए सरकार ने रिन्युएबल एनर्जी सेक्टर में भारी निवेश करना शुरू कर दिया है। इस निवेश का फायदा उठाने के लिए कई कंपनियां मैदान में उतर चुकी हैं, लेकिन इनमें से दो कंपनियां हैं जो सबसे ज्यादा चर्चा में हैं – Suzlon Energy और Waaree Energies। ये दोनों कंपनियां रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में बड़े खिलाड़ी हैं, लेकिन सवाल यह है कि सरकारी योजनाओं का ज्यादा फायदा किसे मिलेगा? आइए, इसकी पूरी कहानी समझते हैं।

Suzlon Energy: विंड एनर्जी का बादशाह

Suzlon Energy भारत की सबसे बड़ी विंड टर्बाइन बनाने वाली कंपनी है। 1995 में स्थापित हुई यह कंपनी 2005 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई और 2008 तक अपने शीर्ष पर पहुंच गई। हालांकि, 2019 में कंपनी ने कर्ज डिफॉल्ट कर दिया, जिससे उसकी छवि को थोड़ा झटका लगा। लेकिन अब कंपनी फिर से अपने पैरों पर खड़ी हो रही है और प्रॉफिट मार्जिन में स्थिरता लाने पर जोर दे रही है।

Suzlon का भारत के विंड एनर्जी सेक्टर में 31% मार्केट शेयर है, जो इसे इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाता है। हालांकि, इसे आईनॉक्स, वोस्टास विंड सिस्टम, एनरकॉन और टाटा पॉवर जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, सोलर एनर्जी का बढ़ता चलन भी Suzlon के लिए एक बड़ी चुनौती है। सोलर एनर्जी प्लांट लगाना ज्यादा आसान और किफायती है, जिससे सरकार का ध्यान भी इस ओर ज्यादा है। इसका असर Suzlon की ऑर्डर बुक पर भी दिखा है। 2017 में कंपनी के पास 12,714 करोड़ रुपये के ऑर्डर थे, जो 2020 में घटकर 2,973 करोड़ रुपये रह गए।

हालांकि, मई 2023 से सितंबर 2024 के बीच Suzlon Energy के शेयर प्राइस में 880% की जबरदस्त रैली आई, जिससे निवेशकों को उम्मीद है कि सरकारी निवेश का फायदा कंपनी को मिलेगा। लेकिन, 52 हफ्तों के हाई 86.04 रुपये से शेयर प्राइस 31.43% गिरकर 51.04 रुपये पर आ गया है।

Waaree Energies: सोलर एनर्जी का नया सितारा

Waaree Energies की स्थापना 1990 में हुई थी, लेकिन यह कंपनी पिछले साल ही शेयर बाजार में लिस्ट हुई है। Waaree Energies सोलर फोटोवोल्टेक (PV) मॉड्यूल बनाने वाली कंपनी है और इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है। 2021 में कंपनी के पास 2GW की क्षमता थी, जो 2024 में बढ़कर 12GW हो गई है। इसके अलावा, कंपनी ने हाल ही में IPO के जरिए 4,321 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिससे वह अपने PV मॉड्यूल बनाने की क्षमता को और बढ़ा रही है।

Waaree Energies का घरेलू बाजार में 21% और निर्यात में 44% मार्केट शेयर है। हालांकि, सोलर सेक्टर में रिलायंस और अडानी जैसे बड़े खिलाड़ियों के उतरने से वारी के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं। अक्टूबर 2024 में शेयर बाजार में एंट्री के बाद Waaree के शेयर की कीमत 3,743 रुपये तक पहुंच गई थी, लेकिन अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने और तेल व गैस के दाम कम करने के ऐलान के बाद से शेयर प्राइस में गिरावट आई है।

कौन है आगे? Suzlon या Waaree?

दोनों कंपनियों की तुलना करें, तो Waaree Energies का PE रेश्यो 48.21 गुना है, जबकि Suzlon का 61.04 गुना है। इसका मतलब है कि Suzlon अभी भी Waaree की तुलना में ओवरवैल्यूड है। हालांकि, Suzlon के पास स्थिर मुनाफा और बढ़ता प्रॉफिट मार्जिन है, जबकि Waaree Energies की एग्रेसिव एक्सपेंशन स्ट्रैटजी रिस्क के साथ ज्यादा रिवार्ड की संभावना रखती है।

शॉर्ट-टर्म ग्रोथ के लिए Suzlon बेहतर दिख रही है, क्योंकि इसका मुनाफा स्थिर हो रहा है और इसे ब्रोकरेज हाउस का सपोर्ट भी मिल रहा है। लॉन्ग-टर्म में Waaree ज्यादा संभावनाओं वाली कंपनी है, क्योंकि इसका एक्सपेंशन प्लान एग्रेसिव है और सरकार की सोलर सेक्टर में ज्यादा दिलचस्पी है।

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