आपके छत का Solar Panel का उत्पादन कहाँ हुआ है ‘मेड इन इंडिया’ या ‘मेड इन चाइना’? ऐसे करें तुरंत पहचान!

सोलर एनर्जी का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है और हर कोई अपनी छत पर Solar Panels लगवाकर बिजली के खर्च को कम करना चाहता है। लेकिन एक सवाल जो अक्सर लोगों के मन में आता है: “क्या मेरे सोलर पैनल ‘मेड इन इंडिया’ हैं या ‘मेड इन चाइना’?” 🤔

इस लेख में हम आपको कुछ आसान तरीकों से यह पहचानने में मदद करेंगे कि आपके सोलर पैनल की असली उत्पत्ति कहां से है।

ब्रांड नेम और लेबल देखें


जब आप सोलर पैनल खरीदते हैं, तो उस पर एक छोटा सा लेबल होता है जिसमें निर्माता का नाम और देश की जानकारी दी जाती है। यदि आपका सोलर पैनल ‘मेड इन इंडिया’ है, तो आपको ब्रांड्स जैसे Tata Power Solar, Vikram Solar, या Waaree का नाम मिलेगा। वहीं, अगर पैनल ‘मेड इन चाइना’ है, तो Trina Solar, Jinko Solar, या LONGi Solar जैसे नाम दिख सकते हैं।

भारत के प्रमुख ब्रांड्स India

  • Tata Power Solar
  • Vikram Solar
  • Waaree Solar
  • Adani Solar
  • Loom Solar

चीन के प्रमुख ब्रांड्स China

  • Trina Solar
  • Jinko Solar
  • LONGi Solar

सर्टिफिकेशन चेक करें


भारत में बने सोलर पैनल्स पर आपको BIS (Bureau of Indian Standards) का सर्टिफिकेशन मिलेगा, जो भारतीय गुणवत्ता मानकों का प्रतीक है। वहीं, चाइनीज़ पैनल्स पर CE या TUV जैसे इंटरनेशनल सर्टिफिकेट्स होंगे। BIS सर्टिफिकेशन के साथ सोलर पैनल का मतलब है कि यह ‘मेड इन इंडिया’ है, और CE या TUV सर्टिफिकेशन से यह पता चलता है कि यह पैनल ‘मेड इन चाइना’ हो सकता है।

भारत सरकार द्वारा जारी ALMM (Approved List of Models and Manufacturers) लिस्ट में भी उन पैनल्स के नाम होते हैं जो भारत में अप्रूव किए गए हैं, इसलिए इसे भी चेक कर सकते हैं।

प्राइस पर नजर डालें


‘मेड इन इंडिया’ सोलर पैनल्स की कीमत अक्सर चाइनीज़ पैनल्स से ज्यादा होती है। भारत में बने पैनल्स की क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, जबकि चाइनीज़ पैनल्स की कीमत कम होती है, लेकिन उनकी लाइफस्पैन और परफॉरमेंस कभी-कभी भारतीय पैनल्स के मुकाबले कम हो सकती है।

Comparison Point

  • भारतीय पैनल 🇮🇳: महंगे, 25 साल की लाइफस्पैन, स्टेबल परफॉरमेंस
  • चाइनीज़ पैनल 🇨🇳: सस्ते, 20-25 साल की लाइफस्पैन, कभी-कभी कम परफॉरमेंस

आफ्टर-सेल्स सर्विस


भारत में बने सोलर पैनल्स की आफ्टर-सेल्स सर्विस भी बहुत अच्छी होती है। अगर आपको किसी तरह की समस्या आती है, तो आपको लोकल सर्विस सेंटर आसानी से मिल जाते हैं। वहीं, चाइनीज़ पैनल्स के लिए अक्सर आपको इंटरनेशनल सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है, जो कभी-कभी समय लेने वाला हो सकता है।

पैनल का परफॉरमेंस और वारंटी

‘मेड इन इंडिया’ सोलर पैनल्स में अक्सर 25 साल की वारंटी दी जाती है, जबकि चाइनीज़ पैनल्स में कम वारंटी होती है। इसके अलावा, भारतीय पैनल्स के लिए लोकल रिपेयर और सपोर्ट सर्विसेस आसानी से मिलती हैं, जो चाइनीज़ पैनल्स के मुकाबले कहीं बेहतर होती हैं।

ग्राहक रिव्यू और अनुभव


अक्सर ऑनलाइन रिव्यूज़ चेक करना न भूलें। भारतीय पैनल्स के बारे में अक्सर लोग स्थिर परफॉरमेंस और अच्छी सर्विस की बात करते हैं, जबकि चाइनीज़ पैनल्स के बारे में कभी-कभी गुणवत्ता में कमी की रिपोर्ट होती है।

निष्कर्ष


अब आपको यह पहचानने में कोई परेशानी नहीं होगी कि आपका सोलर पैनल ‘मेड इन इंडिया’ है या ‘मेड इन चाइना’। सही जानकारी होने से आप अपने सोलर पैनल की गुणवत्ता और सर्विस को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और सही निर्णय ले पाएंगे।

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