आजकल बिजली के बढ़ते खर्चों और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, लोग Solar panel लगवाने की तरफ अधिक रुझान दिखा रहे हैं। खासकर प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत, सोलर पैनल्स लगवाने पर 60% तक की सब्सिडी मिलने के कारण, यह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। लेकिन जैसे-जैसे आप इस योजना में आवेदन करते हैं, कुछ मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है। खासकर डीलर (वेंडर) से सही तरीके से सम्पर्क करना और सही सोलर पैनल का चयन करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन चिंता मत करिए, हम यहाँ आपको इस प्रक्रिया के हर कदम के बारे में विस्तार से बताएंगे।
फिजिबिलिटी अप्रूवल क्या होता है?
जब आप पीएम सूर्यघर योजना में Solar panel के लिए आवेदन करते हैं, तो सबसे पहले आपको फिजिबिलिटी अप्रूवल (Feasibility Approval) मिलना जरूरी होता है। इसका मतलब है कि आपके घर की स्थिति को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जाता है कि आपके स्थान पर सोलर पैनल स्थापित किया जा सकता है या नहीं। इसमें आपके घर की छत की दिशा, सोलर पैनल लगाने के लिए जगह, और बिजली का कनेक्शन जैसी चीज़ें शामिल होती हैं।
अगर आपको फिजिबिलिटी अप्रूवल मिल जाता है, तो समझिए कि आप एक कदम आगे बढ़ चुके हैं। अब आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है सही वेंडर (डीलर) का चयन करना।
सरकार से मान्यता प्राप्त डीलर कैसे चुनें?
फिजिबिलिटी अप्रूवल मिलने के बाद, अगला कदम होता है सरकार से मान्यता प्राप्त वेंडर (डीलर) चुनना, जो आपके सोलर पैनल की इंस्टॉलेशन करेगा। इसके लिए आपको पीएम सूर्यघर योजना के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर अपने राज्य और जिले के आधार पर उपलब्ध वेंडर्स की सूची देखनी होगी। इस सूची में प्रत्येक वेंडर की ईमेल आईडी और अन्य जरूरी जानकारी दी गई होती है।
आप अपने जिले के रजिस्टर्ड वेंडर्स में से किसी एक को चुन सकते हैं और सीधे ईमेल के जरिए उनसे सम्पर्क कर सकते हैं। ईमेल करने के बाद वेंडर आपसे संपर्क करेंगे और आगे की प्रक्रिया के बारे में आपको जानकारी देंगे।
सही वेंडर चुनने का तरीका कैसे जानें?
अब यहाँ सबसे महत्वपूर्ण सवाल उठता है – सही वेंडर कैसे चुनें? सही वेंडर का चयन करना बेहद जरूरी होता है क्योंकि आपकी पूरी सोलर पैनल इंस्टॉलेशन प्रक्रिया और उसकी गुणवत्ता वेंडर पर निर्भर करती है। यहाँ कुछ टिप्स हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं:
- अनुभव और रेटिंग: जिस वेंडर से आप सम्पर्क करने जा रहे हैं, उसकी पृष्ठभूमि और अनुभव के बारे में जानकारी लेना जरूरी है। अगर संभव हो तो आप अपने जान-पहचान में किसी ऐसे व्यक्ति से भी सलाह ले सकते हैं जिसने पहले से सोलर पैनल लगवाया हो।
- वेंडर से प्रश्न पूछें: वेंडर से बात करते समय उनसे ये जरूर पूछें कि वे कौन सी कंपनी का सोलर पैनल लगाते हैं, कितनी कीमत में यह आता है, और कितने समय में इंस्टॉल हो जाएगा। इससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि कौन-सा वेंडर आपके लिए सही है।
- सरकार से मान्यता: केवल सरकारी पोर्टल पर रजिस्टर्ड वेंडर्स से ही सम्पर्क करें, क्योंकि इससे आपको यह विश्वास रहेगा कि वे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और आपको सही मार्गदर्शन देंगे।
सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की पूरी प्रक्रिया
वेंडर से सम्पर्क करने के बाद, वे आपको विभिन्न सोलर पैनल्स के विकल्प दिखाएंगे। आपको यह तय करना होगा कि आप किस कंपनी का सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं। आमतौर पर बाजार में टाटा, वारी, लूमसोलर जैसी कंपनियों के पैनल्स लोकप्रिय हैं।
आपकी पसंद के पैनल का चुनाव करने के बाद, वेंडर आपको इसकी कीमत, इंस्टॉलेशन टाइम, और गारंटी/वॉरंटी जैसी जानकारियां देगा। इसके बाद आपको वेंडर के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करना होता है, जिसके तहत वे सोलर पैनल आपके घर पर इंस्टॉल करेंगे।
निष्कर्ष
सोलर पैनल लगवाने के लिए सही वेंडर से सम्पर्क करना बहुत ही जरूरी होता है। सरकार द्वारा दिए गए फिजिबिलिटी अप्रूवल के बाद, आपको अच्छे वेंडर का चुनाव करना चाहिए जो न सिर्फ किफायती हो बल्कि आपको गुणवत्ता वाले पैनल भी प्रदान करे। इस प्रक्रिया को समझकर और सही दिशा में कदम उठाकर आप अपने घर पर सोलर पैनल स्थापित कर सकते हैं और बिजली के बिलों में भी बचत कर सकते हैं।
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