सोलर पैनल्स के बारे में जब भी बात होती है, तो सबसे पहले हमारे दिमाग में धूप की तस्वीर उभरती है। यह एक आम धारणा है कि सोलर पैनल जितनी ज्यादा धूप में होंगे, उतनी ज्यादा बिजली बनाएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब सोलर पैनल्स की टेक्नोलॉजी में बदलाव आ चुका है? अब ये पैनल्स कम रोशनी में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं। तो आइए, जानते हैं कौन सा सोलर पैनल कम रोशनी में भी बिजली बनाने की क्षमता रखता है।
कम रोशनी में बिजली बनाने वाले सोलर पैनल्स की टेक्नोलॉजी
आजकल की नई सोलर टेक्नोलॉजी की बदौलत, सोलर पैनल्स ने अपनी क्षमता को काफी बढ़ा लिया है। अब यह पैनल्स सिर्फ तेज धूप में ही नहीं, बल्कि बादल छाए होने या धुंध होने पर भी बिजली बना सकते हैं। इस नई तकनीक का नाम है “मोनोक्रिस्टलाइन” और “बाइफेशियल सोलर पैनल्स”।
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल्स की बनावट में सिलिकॉन की शुद्ध क्रिस्टल्स का उपयोग होता है, जो कम रोशनी में भी बिजली उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा बनाए रखते हैं। ये पैनल्स धूप की रोशनी के हर हिस्से का बेहतर तरीके से उपयोग करते हैं, जिससे बिजली उत्पादन में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, चाहे दिन में धूप कम हो या ज्यादा।
बाइफेशियल सोलर पैनल्स की खासियत
बाइफेशियल सोलर पैनल्स दोनों तरफ से रोशनी सोखते हैं। इसका मतलब है कि अगर इनके पीछे कोई सफेद या परावर्तक सतह हो, तो वे उस सतह से परावर्तित होने वाली रोशनी का भी उपयोग कर सकते हैं। इससे इनकी एफिशिएंसी और भी बढ़ जाती है, खासकर कम रोशनी वाले इलाकों में।
ज्यादा धूप भी हो सकती है हानिकारक
यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन ज्यादा धूप भी सोलर पैनल्स के लिए हानिकारक हो सकती है। जब सोलर पैनल्स का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो उनकी एफिशिएंसी गिरने लगती है। इसका मतलब यह है कि पैनल को केवल सूर्य की रोशनी चाहिए, तेज गर्मी की जरूरत नहीं।
कम रोशनी में भी पावरफुल परफॉर्मेंस
कम रोशनी में बिजली उत्पादन की क्षमता वाले पैनल्स में से एक प्रमुख नाम है टेस्ला सोलर पैनल्स। टेस्ला अपने उन्नत मोनोक्रिस्टलाइन पैनल्स के लिए जाना जाता है, जो कम धूप में भी बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इनके अलावा, LG NeON 2 और SunPower’s X-Series जैसे सोलर पैनल्स भी अपनी उन्नत तकनीक के कारण कम रोशनी में शानदार प्रदर्शन करते हैं।
इन पैनल्स में मुख्य अंतर उनकी सामग्री और डिज़ाइन में होता है। ये पैनल्स ज्यादा से ज्यादा सूर्य की किरणों को पकड़ने और ऊर्जा में बदलने में सक्षम होते हैं। बाइफेशियल पैनल्स की खासियत है कि ये सामने और पीछे दोनों तरफ से रोशनी का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी कुल एफिशिएंसी में बढ़ोतरी होती है।
किसे चुनें?
अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां पर अक्सर बादल रहते हैं या धुंध छाई रहती है, तो मोनोक्रिस्टलाइन या बाइफेशियल सोलर पैनल्स सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख विकल्प निम्नलिखित हैं:
- SunPower X-Series: ये पैनल्स उच्च क्षमता के साथ कम रोशनी में भी शानदार प्रदर्शन करते हैं। इनकी एफिशिएंसी 22% तक होती है, जो इन्हें एक बेहतरीन विकल्प बनाती है।
- LG NeON 2: यह पैनल न केवल उच्च एफिशिएंसी प्रदान करता है, बल्कि इसका टिकाऊपन और लंबी लाइफस्पैन भी इसे खास बनाते हैं।
- Tesla Solar Panels: टेस्ला के सोलर पैनल्स अपनी मॉडर्न डिज़ाइन और कम रोशनी में भी ज्यादा बिजली उत्पादन के लिए जाने जाते हैं।
भविष्य की टेक्नोलॉजी
सोलर पैनल की दुनिया में दिन-प्रतिदिन नई खोजें हो रही हैं। आने वाले समय में, हमें ऐसे पैनल्स देखने को मिल सकते हैं, जो न सिर्फ कम रोशनी में, बल्कि रात के समय भी बिजली बनाने में सक्षम होंगे। नैनोमटेरियल्स, हाइड्रोजन सोलर और क्वांटम डॉट्स जैसी तकनीकों पर रिसर्च चल रही है, जो सोलर पैनल्स की एफिशिएंसी को और बढ़ा सकती हैं।
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